अगर आप नौकरीपेशा हैं और सालाना आय टैक्स के दायरे में आती है तो इसके लिए इन्वेस्टमेंट प्रूफ जमा करना जरूरी होता है. कंपनियां अपने कर्मचारियों से दिसंबर के अंत से लेकर के मार्च तक इन सभी डॉक्यूमेंट को जमा कराती है. लेकिन कुछ कर्मचारियों को इस जानकारी नहीं होती है और वह अपनी सैलरी कटवा बैठते है. मार्च से पहले कंपनी आपसे पिछले महीनों में किए गए इन्वेस्टमेंट प्रूफ की कॉपी मांगता है ताकि वह आपके द्वारा टैक्स बचाने के लिए किए गए इन्वेस्टमेंट की जांच कर ले. आपकी कंपनी आपको बाद में टैक्स ज्यादा या कम देने के झंझट से बचाने के लिए ऐसा करती है.
कंपनी हर महीने आपकी सैलरी से टैक्स काटती है, लेकिन मार्च से पहले उसे आपके द्वारा किए गए इन्वेस्टमेंट डिक्लेरेशन को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में जमा करना होता है. ऐसा करने से कंपनी और आपको कोई परेशानी नहीं होती है. टैक्स कटौती को कम करने के लिए आपको इनकम टैक्स अधिनियम के विभिन्न सेक्शन के तहत टैक्स-बचत निवेश के प्रावधानों को जानना चाहिए. अगर आप निवेश के दस्तावेज जमा कर देते हैं तो आपकी अगली तीन महीने की सैलरी से स्रोत पर टैक्स की कटौती यानी टीडीएस (TDS) उसी अनुपात में कम कटेगा, नहीं तो ज्यादा कटेगा. आइए जानते हैं इसके बारे में सबकुछ…
सेक्शन 80C
सेक्शन 80C के तहत सेक्शन 80CCC और 80CCD (1) को मिलाकर सालाना कटौती सीमा 1.5 लाख रुपए है. सेक्शन 80C में जीवन बीमा प्रीमियम, डिफर्ड एन्युटी, प्रोविडेंट फंड में योगदान, कुछ इक्विटी शेयर्स या डिबेंचर सब्सक्रिप्शन के संबंध में कटौती शामिल है जबकि 80CCC में कुछ पेंशन फंड में योगदान के संबंध में कटौती और 80CCD (1) में नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के कर्मचारी के स्वयं के योगदान के संबंध में कटौती शामिल है.
80C के तहत मिलने वाली छूट-
जीवन बीमा (Life Insurance), यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP) के प्रीमियम का भुगतान.
नॉन-कमुटेबल डेफर्ड एन्युटी के संबंध में भुगतान.
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) में जमा.
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट्स (NSC VIII Issue) में निवेश.
पिछले वर्षों में खरीदे गए NSC पर ब्याज.
बच्चों के एजुकेशन फीस का भुगतान (केवल ट्यूशन फीस).
अप्रूव्ड डिबेंचर्स/शेयर्स/म्यूचुअल फंड्स में निवेश.
5 साल या उससे अधिक समय के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में निवेश.
होम लोन के रिपेमेंट (केवल मूलधन राशि).
सुकन्या समृद्धि अकाउंट में जमा.
80CCD(1B)
सेक्शन 80CCD (1B) में एनपीएस टियर 1 खाते में स्वैच्छिक योगदान के संबंध में 50,000 रुपए तक की कटौती शामिल है. यह कटौती 80C की 1.5 लाख रुपए की सीमा से अधिक है.
80D
सेक्शन 80D में हेल्थ इंश्योरेंस के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम के संबंध में 60 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों के लिए 25,000 रुपए तक की कटौती शामिल है. इसमें 25,000 रुपए की ओवरऑल लिमिट के भीतर प्रिवेंटिव हेल्थ चेकअक पर किए गए खर्च के संबंध में 5,000 रुपए तक की कटौती शामिल है. वरिष्ठ नागरिकों के लिए 80D की सीमा 50,000 रुपए है, जिसमें वरिष्ठ नागरिक परिवार / माता-पिता पर मेडिकल खर्च भी शामिल है.